Top 3 Family Health Plans in India

Living in urban India has its advantages and disadvantages. While on one hand we have so many luxuries, services and amenities to make life simpler, on the other hand we are exposed to pollution, stress and other illness causing factors constantly.
As a result, health matters occupy a constant place on our list of priorities and we try to take every precaution to ensure the health, of ourselves and that of our family members, are kept under check. With the help of the family health plans, one can provide additional cover and security and rest assured that in case of an illness, the best treatment will can be sought.
There are many health plans in India that allow you to cover yourself as well as up to 4 members of your family. Take a look at some of the best plans listed below.

1. National Insurance's PARIVAR - Mediclaim for Family
Coming from the reliable public sector insurance company, National Insurance, PARIVAR is a comprehensive family health policy.
Features of the policy:
* Covers members of the family aged between 3 months and 60 years.
* Pre-existing illnesses such as high-blood pressure and high blood sugar will be covered
* Cost of hospital stay, including charges of doctors, nurses, pharmacy bills, etc covered
* Certain exclusions, such as pregnancy related complications, congenital disorders and drug-abuse charges are present.

Synopsys:
Overall, the PARIVAR Mediclaim policy from National Insurance is a good product. There are, however, a number of exclusions and conditions related to the policy and you must be aware of these before you purchase the policy.

2. The United India Insurance Family Medicare Policy
Another reliable family health plan, the United India Insurance Family Medicare Policy is a policy that covers you, your partner, your children and parents.
Features of the policy:
* Illnesses caused due to disease or accident covered under the policy
* If the family members are below 45 years of age, no medical test will be required. This is applicable for a sum assured of Rs. 10lacs or less.
* Covers hospitalization costs as well as post and pre-hospitalization expenses.
* Exclusions comprise of pre-existing conditions for the initial four years, non-medical expenses, accidents caused due to war, etc
* 8 Entry age is on the higher side (18 months)

Synopsys:
The United India Insurance Family Medicare Policy has some very unique features, but it has many exclusions and conditions as well. For instance, a family member below the age of 18 months cannot be included in this plan. Overall, the plan is effective and well-designed.

3. Oriental Insurance Happy Family Floater
The Oriental Insurance Happy Family Floater is another popular family health plan. It covers the hospitalization costs and other medical bills of the entire family.
Features of the policy:
* Larger bracket for family members - apart from spouse and children, parents and parents-in-law also covered.
* Hospitalization expenses including RMO and nurse fees.
* Add-on options available for accident plans, riders available for treatment of diseases such as cancer and stroke.
* Anyone in the family between the ages of 5-70 can be covered.

Synopsis:
The Oriental Insurance Happy Family Floater is among the best family health plans available. This is mainly because the policy is flexible and can be customized with the help of a number of riders and add-ons.
There are many different family health plans to choose from. Before buying such a plan, make sure you compare the policies and see which one suits you and your family the best. Buying the right kind of insurance policy for your family can keep them protected and provide them the best possible medical assistance if they ever need it. 

हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी की बारिकिया / Six FAQs on health insurance

हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेना तो जरूरी है ही लेकिन इससे ज्यादा जरूरी इसके नियम एवं शर्तों को समझना है ताकि भविष्य में परेशानियों का सामना न करना पड़े।

अस्पतालों में बीमारी के इलाज के लगातार बढ़ते खर्चों को ध्यान में रखते हुए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेना वास्तव में जरूरी हो गया है। लेकिन जरूरी यह भी है कि आप अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को समझें। उसके नियम एवं शर्तों की जानकारी आपको भली-भांति होनी चाहिए ताकि भविष्य में किसी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े।
हाल ही में मेरे एक मित्र अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी को समय पर रिन्यू कराना भूल गए। यह पॉलिसी उन्होंने एक जानी-मानी सरकारी बीमा कंपनी से ली थी। पॉलिसी रिन्यू कराने की नियत तारीख से चार दिन बाद जब उन्होंने उस बीमा कंपनी की नजदीकी शाखा में अपनी पॉलिसी रिन्यू कराने गए तो उनसे कहा गया कि पॉलिसी लैप्स हो चुकी है और अब आपको नई पॉलिसी लेनी होगी।

नई पॉलिसी लेने का मतलब था कि पुरानी पॉलिसियों के सभी लाभों जैसे नो क्लेम बोनस, पहले से मौजूद बीमारियों की प्रतीक्षा अवधि आदि के लाभों से हाथ धोना। उन्होंने बीमा कंपनी के अधिकारी की बात मानते हुए नई पॉलिसी ले ली।

बाद में मालूम हुआ कि वह कोई अधिकारी नहीं बल्कि शाखा में बैठा हुए एक बीमा एजेंट था जो कमीशन पाने की खातिर मेरे मित्र को नई पॉलिसी लेने की सलाह दी। अधिकतर बीमा कंपनियां हेल्थ इंश्योरेंस को रिन्यू कराने के लिए 14-15 दिनों का ग्रेस पीरियड देती हैं।

पॉलिसी प्रीमियम के रिन्यू कराने की नियत तारीख से 14-15 दिन बाद तक अपने पुराने लाभों के साथ पॉलिसी रिन्यू करा सकते हैं लेकिन समय पर प्रीमियम न भरने का कारण आपको लिखित में देना होगा। इसलिए केवल हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेना ही जरूरी नहीं है बल्कि उसकी बारीकियों को समझना और उससे जुड़े नियमों की जानकारी भी जरूरी है। इसके लिए, हमें कोई भी हेल्थ पॉलिसी खरीदने से पहले पॉलिसी की कुछ मूल बातें और पॉलिसी शर्तों को पढऩे व समझने की जरूरत भर है।

फैमिली फ्लोटर:
फैमिली फ्लोटर एक ऐसी पॉलिसी है, जिसमें सम एश्योर्ड सभी पॉलिसीधारकों द्वारा साझा किया जाता है। उदाहरण के तौर पर- मान लीजिए कि सौरभ ने अपने, अपनी पत्नी अंजलि व बच्चों अनन्या और अतुल के लिए ३ लाख रुपये की एक फैमिली फ्लोटर पॉलिसी ली है। इसका मतलब है कि सौरभ का परिवार व्यक्तिगत व एक साथ ३ लाख रुपये तक के इंश्योरेंस का लाभ ले सकता है। लेकिन, इससे पहले कि आप कोई भी फ्लोटर पॉलिसी खरीदें, आपको यह समझना बेहद जरूरी होगा कि आपके परिवार के प्रत्येक सदस्य के लिए कितने कवर की आवश्यकता है।
अगर आपके परिवार के हर सदस्य को ३ लाख रुपये के कवरेज की जरूरत है तो बेहतर होगा कि आप फैमिली फ्लोटर पॉलिसी न लें। इसकी वजह है कि अगर परिवार के किसी भी एक सदस्य पर यह पूरा कवर व्यय हो जाता है तो बाकी सदस्यों के इंश्योरेंस कवर के लिए आपको एक नई पॉलिसी खरीदनी होगी। साथ ही, फैमिली फ्लोटर पॉलिसी में परिवार के सबसे बड़े सदस्य की उम्र, बच्चे व क्लेम हिस्ट्री सरीखे अन्य पहलू भी होते हैं। वहीं फ्लोटर पॉलिसी व एक व्यक्तिगत पॉलिसी के प्रीमियम के बीच भी ज्यादा बड़ा अंतर नहीं होता।

कैपिंग
कई इंश्योरेंस कंपनियां किसी खास बीमारी/रोग की स्थिति में अस्पताल के कमरे के किराए, डॉक्टर की फीस व अधिकांश भुगतान पर कैपिंग देती हैं। तय सीमा से अधिक खर्च होने पर, ये कैपिंग कैशलेस सुविधाएं देने से इनकार कर देती हैं। बेहतर होगा कि आप इन सभी कैपिंग के बारे में जांच-पड़ताल कर यह सुनिश्चित कर लें कि किसी प्रकार की इमरजेंसी की स्थिति में ये कैपिंग अस्पताल की आपकी प्राथमिकताओं से मिलती हैं या नहीं।

ग्रेस पीरियड
कई ग्राहक रियायती अवधि के रूप में मिलने वाले फायदे से अंजान होते हैं। प्रत्येक इंश्योरेंस पॉलिसी में 14-30 दिनों तक का रियायती समय होता है। जिसका मतलब है कि आप बिना किसी झंझट के अपनी पॉलिसी को रिन्यूअल की तारीख के 14-30 दिनों के अंदर रिन्यू करा सकते हैं। अपोलो म्यूनिख हेल्थ इंश्योरेंस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उनकी कंपनी 30 दिनों का ग्रेस पीरियड देती है लेकिन ग्रेस पीरियड के दौरान किसी तरह के क्लेम का निपटान नहीं करती है।

ओरियंटल इंश्योरेंस के जनरल मैनेजर (हेल्थ) के. के. राव ने बताया कि अगर कोई पॉलिसीधारक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लैप्स होने के 15 दिनों के भीतर अपनी पॉलिसी रिन्यू कराता है तो उसे पिछली पॉलिसी का पूरा लाभ मिलेगा लेकिन इस अवधि के दौरान किसी भी तरह के क्लेम का निपटान नहीं किया जाता है।

फ्री-लुक अवधि
फ्री-लुक अवधि सभी सालाना पॉलिसियों पर मौजूद नहीं है। कुछ स्वास्थ्य और साधारण बीमा कंपनियां 15 दिनों का फ्री-लुक पीरियड पॉलिसीधारकों को देती हैं। अगर किसी कारणवश पॉलिसीधारक पॉलिसी से संतुष्ट नहीं है तो वह 15 दिनों के भीतर उसे वापस कर सकता है। मैक्स बुपा और अपोलो म्यूनिख के ऑप्टिमा रिस्टोर आदि पॉलिसियों के तहत 15 दिनों का फ्री-लुक पीरियड उपलब्ध है।

लोडिंग एवं सह-भुगतान:
अगर आपने पहले वर्ष में कोई क्लेम किया है तो कंपनियां आम तौर पर आपके रिन्यूअल प्रीमियम पर अतिरिक्त बोझ डालती हैं। खास तौर पर यह फैमिली फ्लोटर पॉलिसी का एक सबसे नकारात्मक पहलू हैं क्योंकि अगर परिवार का कोई एक सदस्य अस्पताल में भर्ती होता है और वह क्लेम करता है तो ऐसी स्थिति में सभी सदस्यों को इसकी कीमत चुकानी पड़ती है।

मेडिकल जांच के दौरान उसमें किसी गड़बड़ी के आने पर भी लोडिंग लगाई जाती है। कई कंपनियों की पॉलिसी शर्तों में क्लेम किए जाने पर भी नो-लोड शर्त जारी रहती है। लेकिन कभी भी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने के लिए इसे कसौटी न बनाएं।

को-पेमेंट
को-पेमेंट वह शर्त है जिसमें आपको किसी खास इलाज के लिए हॉस्पिटलाइजेशन में आने वाले कुल खर्च के एक निश्चित प्रतिशत का भुगतान करना होता है। ये शर्त महज वरिष्ठ नागरिकों की पॉलिसियों पर ही लागू होती है। विभिन्न पॉलिसियों में सह-भुगतान 10-30 प्रतिशत होता है।

क्लेम की प्रक्रिया
कंपनी के ब्रोशर में यह साफ लिखा होता है कि कैशलेस सुविधा पाने के लिए आपको अस्पताल में भर्ती होने के 24 घंटों के अंदर कंपनी को सूचित करना होता है। किसी भी किस्म की देरी होने पर आप इसका फायदा लेने से चूक जाएंगे। क्लेम प्रक्रिया को समझना आपके लिए जितना जरूरी है, उतना ही आपके परिवार के लिए भी जरूरी है। अपने सभी कागजातों को किसी ऐसी जगह रखें, जहां आपके परिवार की आसानी से पहुंच हो।

हॉस्पिटल नेटवर्क
कंपनी का एक खास हॉस्पिटल नेटवर्क होता है, जिसमें कैशलेस सुविधाएं मौजूद होती हैं। अगर अस्पताल कंपनी या नियामक द्वारा निर्धारित किए गए दिशा-निर्देशों की श्रेणी में नहीं आता, तो बीमित क्लेम की अदायगी से वंचित रह जाएगा। अपने अस्पताल के चयन की भी जांच करें और देखें कि यह नेटवर्क का हिस्सा है या नहीं।

हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के चयन के समय इनमें से किसी एक नियम को कसौटी न बनाएं। पॉलिसी लेने से पहले पॉलिसी के सभी शब्दों को सावधानी से पढ़कर अपनी शंकाएं मिटा लें।

कैसे चुनें उपयुक्त मेडिक्लेम पॉलिसी- उपयुक्त मेडिक्लेम पॉलिसी का चयन करते समय विभिन्ना पॉलिसियों के तहत उपलब्ध फायदों एवं अपवादों जैसे प्रीमियम, क्लेम सैटेलमेंट प्रक्रिया, कैशलेस फेसिलिटी, हॉस्पिटल नेटवर्क टाई-अप, अधिकतम बीमाधन की उपलब्धता, बीमाधन को बढ़वाने की शर्त, पॉलिसी लेने की न्यूनतम व अधिकतम उम्र, पॉलिसी रिन्यू कराने की अधिकतम आयु, हॉस्पिटलाइजेशन, प्री-हॉस्पिटलाइजेशन एवं पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन बेनीफिट, रूम रेंट, को-पेमेंट चार्जेस, डे केयर, डॉमिन्साइल ट्रीटमेंट, पूर्व से मौजूद बीमारी का कवरेज, विभिन्ना बीमारियाँ जो कवर नहीं होंगी अथवा कुछ वर्षों बाद कवर होने वाली बीमारियाँ, नो-क्लेम बोनस, नो-क्लेम डिस्काउंट अथवा कोई ऐसे खर्च, जिनकी सीमा निर्धारित की गई हो आदि की जानकारी ले लेना चाहिए।

हेल्थ इंश्योरेंस: कायदे, फायदे और वायदे

लक्षात घ्या घराचा ‘एरिया’ (How is the area of a flat calculated?)

अप एरिया. कार्पेट एरिया म्हणजे घरात वापरायला मिळणारी जागा. म्हणजेच, ज्या जागेवर आपण कार्पेट अंथरू शकतो, त्या क्षेत्रफळाला कार्पेट एरिया म्हणतात. कार्पेट एरियात भिंती येत नाहीत.

बिल्टअप एरिया हा कार्पेट एरिया, भिंती, बाल्कनी किंवा गॅलरीचं क्षेत्रफळ एकत्र करून मोजला जातो. थोडक्यात, बिल्टअप एरिया म्हणजे एखादा फ्लॅट बांधण्यासाठी वापरण्यात आलेलं एकूण क्षेत्रफळ.

सुपर बिल्टअप एरियात सोसायटीतल्या सेवा-सुविधांसाठी वापरण्यात आलेल्या क्षेत्रफळाचा समावेश असतो. म्हणजे लिफ्ट, पार्किंग, लॉबी, जनरेटर रूम आदी सर्वांचाच समावेश यात होतो. सर्वसाधारणतः सुपर बिल्टअप एरिया हा बिल्टअप एरियाच्या २० टक्के एवढा असतो. या २० टक्के क्षेत्रफळालाच 'लोडिंग' म्हणतात. हे लोडिंग वेगवेगळ्या गृहप्रकल्पात किंवा सोसायट्यांमध्ये कमी-जास्त असू शकतं.

उदा. फ्लॅटचा बिल्टअप एरिया १००० चौ.फू. आणि सुपर बिल्टअप एरिया २००० चौ.फू. असेल, तर फ्लॅटचा एरिया १२०० चौ.फू. असल्याचं मानण्यात येतं. याला क्षेत्रफळाला 'सेलेबल एरिया'सुद्धा म्हटलं जातं. सेलेबल एरियात म्हणजे फ्लॅटच्या दरांमध्ये कार्पेट एरिया, बिल्टअप एरिया आणि सुपर बिल्टअप म्हणजे लोडिंग अशा सर्व खर्चांचा समावेश असतो. बिल्डर किंवा विकसक एखादा फ्लॅट विकत असतो, तेव्हा तो ग्राहकांकडून त्या फ्लॅटवरचं लोडिंगही वसूल करत असतो.

 
Flats are generally priced on the . However, the actual usable area of the flat may differ from the one you are charged for, or, the saleable area. The difference between the useable and is a result of the space included in the calculation. Some of the commonly used are:

CARPET AREA
This is the net usable area measured wall to wall, from the inner faces of walls. Simply put, it is the area in a flat which can be covered by carpeting. Some builders may add half the actual area of a terrace or dry areas while calculating the total carpet area. Others may treat these spaces like internal rooms and consider the entire area..


BUILT-UP AREA
This is the gross area of a flat. Besides the carpet area, it includes the space covered by the wall thickness and ducts. Generally, it is 10-15 per cent more than the carpet area of the flat.


SUPER BUILT-UP AREA
The current trend is to consider this as the saleable area. It is calculated by adding the markup for common spaces to the built-up area. These common spaces include the ones on the floor (lifts, staircases etc) and those in the building (entrance lobby, electrical room, pump room, flower beds etc). Basically, it includes all the common amenities that are built, but not directly charged to the customer. Parking space is excluded from this calculation and is typically charged for separately.

Ideally, the area of the common spaces should be calculated and added proportionately to each flat. However, this practice is rarely followed. As a thumb rule, most builders take 1.25 as the multiplying factor to calculate super built up area, multiplying the carpet area by 1.25. This would increase the total saleable area by approximately 25 per cent.
This percentage is also commonly known as ‘loading’. Most builders quote loading figures while calculating the saleable area. For example, say the carpet area of your flat is 500 square feet. The builder may add loading of about 30 per cent. This means that have to pay for 650 square feet, inspite of using only 500 square feet.

Since there is no written rule with regards to loading, on occasions, it could even be as high as 50-60 per cent. This implies that a 1,000 sq ft flat (super built up) could have a carpet area of barely 500-600 sq ft. As a result, home owners can find themselves in a dingy flat in spite of paying a high price. Builders usually justify such high loads on the basis of amenities provided. Thus, it would be higher for larger schemes, where more space is given to amenities and common areas as compared to small projects without much frills.